आज हम Raja or Makdi Ki Kahani in Hindi के नंगे मई जाने तो सब आज भूत ही अच्छे और बेस्ट खानी है तो ये खानी अपने फ्रेंड्स के साथ साथ शेयर करें.
Raja or Makdi Ki Kahani in Hindi
एक बार की बात है, एक राजा अपनी राजधानी में रहता था। उसका एक बड़ा महल था जिसमें बहुत से कमरे थे। उस महल के बाहर एक बड़ा पेड़ था, जिस पर एक मकड़ी रहती थी। मकड़ी के पास एक छोटा सा जहाज भी था।
राजा ने एक दिन तय किया कि वह अपने दोस्तों के साथ एक बड़ा त्यौहार मनाएगा। वह मकड़ी से पूछा कि तुम लोगों के पास कोई आवास है जहां हम त्यौहार मना सकें। मकड़ी ने बताया कि उसके पास एक छोटा सा जहाज है जहां आप त्यौहार मना सकते हैं।
राजा ने अपने दोस्तों को बुलाया और उन्हें मकड़ी के जहाज में ले जाने के लिए कहा। जब वे सब जहाज में चढ़े, तो मकड़ी ने उनसे कहा कि वह उन्हें एक बड़ी देखभाल के साथ उनकी गंदी वस्तुओं को साफ कर देगी।
राजा और उनके दोस्तों ने इसे मंजूर कर लिया। मकड़ी ने उनकी सभी गंदी वस्तुएं साफ कर दीं। लेकिन जब वे सभी त्यौहार मना रहे थे, तो मकड़ी ने
पनी मकरीली चाल से जहाज को खींचना शुरू कर दिया। जहाज तेज़ गति से उड़ता हुआ लग रहा था। राजा और उनके दोस्त बहुत खुश थे क्योंकि उन्होंने ऐसा सौभाग्य पाया था कि वे मकड़ी के जहाज में त्यौहार मना रहे थे।
लेकिन जब जहाज अपनी ऊंची उड़ान से वापस आ रहा था, तो मकड़ी ने अपनी चाल से जहाज को आधा रास्ता ले जाने का फैसला किया। राजा और उनके दोस्तों को यह सब नहीं पता था कि मकड़ी ने उन्हें कहां ले जाने का फैसला किया है।
जब जहाज अपनी उड़ान से वापस आ रहा था, तो मकड़ी ने उसे अपनी जाल में फंसा दिया। राजा और उनके दोस्त बेहोश हो गए। जब उन्होंने अपनी आंखें खोलीं, तो वे मकड़ी के जाल में फंसे हुए थे।
अंत में, एक चुनौती के बाद, राजा ने मकड़ी को छोड़ दिया। वह उस घटना से सीख गया कि उसे अपने दोस्तों को सही से समझना चाहिए था और दूसरों की सहायता से भी अधिक मदद मिल सकती थी।
कहानी की नीति
राजा ने हमें मकड़ी के बारे में भरोसा क्यों करता है जब उसके दोस्त राजा के बल्ले नहीं मानते हैं तो मन ता है सब को मकड़ी के कटेर
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