2024 में अमेरिका एक भारतीय को अंतरिक्ष में भेजेगा | नासा का बड़ा बयान | प्रशांत धवन द्वारा
नमस्कार एंड वेलकम य ू वर्ल्ड अफेयर देव प्रशांत धवन नाउ यहां पर आप देख पाएंगे रिसेंटली जो नासा के एडमिनिस्ट्रेटर है नासा के जो चीफ है उन्होंने भारत में आकर एक बड़ी अनाउंसमेंट करी है उन्होंने यह कहा है कि 2024 में यूएसए तैयार है एक इंडियन नेशनल को अंतरिक्ष में भेजने के लिए ना सिर्फ अंतरिक्ष में एक इंडियन नेशनल को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में पहली बार इतिहास में पहली बार नासा भेजेगा उसके अलावा इन्होंने यह भी कहा है कि दोनों देश तैयार है के पहले क्वार्टर में मतलब के 2024 के पहले तीन महीने में जो निसार सैटेलाइट है जो यूएस और इंडिया दोनों ने मिलके बनाई है यह भी इंडिया लॉन्च करेगा और साथ ही साथ यूएसए ने एक बड़ी अनाउंसमेंट यह भी करी है कि इंडिया का जो खुद का स्पेस स्टेशन एवेंचुरा उसमें भी यूएस इंडिया का साथ देने को तैयार है यूएस रेडी टू हेल्प इंडिया बिल्ड इट्स ओन स्पेस स्टेशन तो डिस्कस करते हैं इस टॉपिक को इन डेप्थ बहुत कुछ यहां पे आपको जानने को मिलेगा मगर आगे बढ़ने से पहले आपसे पूछूंगा एक क्वेश्चन क्वे क्वेश्चन यह है कि 2023 का बुकर प्राइज किसे मिला है ये है यहां पे आपकी ऑप्शंस पॉल लिंच जेफ्री आर्चर निकोलस पार्स या फिर सलमान रुश्दी बहुत न्यूज़ में है यह टॉपिक पता होना चाहिए आपको इसके बारे में कमेंट सेक्शन में करिए उत्तर सही आंसर मैं आपको दूंगा वीडियो के अंत में नाउ आप में से कई लोग ये क्वेश्चन करेंगे कि अचानक से नासा की तरफ से ये सारी जो स्टेटमेंट्स है क्यों आ रही है वेल रिसेंटली नासा के जो एडमिनिस्ट्रेटर हैं नाउ एडमिनिस्ट्रेटर का मतलब होता है कि नासा के चीफ हेड आप कह लीजिए नासा के तो नासा के जो 14th एडमिन है ये हैं बिल नेलसन ये रिसेंटली दो कंट्रीज के टूर पे गए पहला देश यूनाइटेड अरब एमिरेट्स और दूसरा देश इंडिया यूएई का टूर आप क लीजिए इतना इंपैक्टफुल था नहीं कुछ ज्यादा अनाउंसमेंट वहां पर नहीं हुई इंडिया की जो इनकी विजिट है यह बहुत ही इंपॉर्टेंट है यहां पे आप देख पाएंगे इन्होंने ट्वीट करी है टचडाउन इन इंडिया रेडी टू एंबार्क ऑन ए वीक ऑफ इंगेजिंग मीटिंग्स एक हफ्ते तक ये भारत में रहेंगे मेजर अनाउंसमेंट्स करेंगे मोदी जी से मिलेंगे मोस्ट प्रोबेबली और स्पेस में इंडिया और यूएस मिलकर आगे कैसे बढ़ सकते हैं इस पर डिस्कशन किया जाएगा और यहां पे आप देख पाएंगे जो यूएसए के एंबेसडर हैं टू इंडिया एरिक रसेटी ये वेलकम कर रहे हैं नासा के एडमिन का और इसी दौरान इन्होंने यह बड़ी स्टेटमेंट दी है कि यूएसए विल सेंड एन इंडियन टू द इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन नाउ आपको याद होगा आज से कई महीने पहले मैंने एक वीडियो बनाई थी जिसम मैंने आपको बताया था कि इवेंचर यहां पे आप देख पाएंगे यह वीडियो करीब 5 महीने पुरानी वीडियो है इसका टाइटल है इंडिया टू साइन अर्थम अकॉर्ड और इस वीडियो में मैंने आपको बताया था करीब 920 के आसपास यहां पे आप देख पाएंगे इंडिया और यूएस ने अनाउंस किया है कि एक जॉइंट एस्ट्रोनॉट मिशन लॉन्च किया जाएगा टू दी इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन और और उसके अलावा वाइट हाउस ने भी इससे रिलेटेड एक प्रॉपर नोटिफिकेशन इशू करी थी तो ये एक मेजर अनाउंसमेंट थी इंडिया और यूएसए की और अब हम देख रहे हैं कि नासा ने इस पर काम करना भी स्टार्ट कर दिया है नाउ मेरे हिसाब से यह ड्यू था इंडिया का इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में जाना इट वाज बाउंड टू हैपन क्योंकि अगर मैं आपको इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के बारे में थोड़ा बहुत बताऊं नाउ इधर आप देख पाएंगे यह है आपके सामने द इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन यह धरती के सरफेस से 400 किमी की ऊंचाई पर आपको मिलेगा इतना दूर नीय अर्थ से यहां पे आप देख पाएंगे अगर मैं इस पर जूम इन करूं तो ये आपके सामने है द इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन 100 बिलियन डॉलर्स लगे इसको बनाने में यूएस रशिया जापान समेत कई कंट्रीज का योगदान था तो जाकर इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन बनके तैयार हुआ और देखो हालांकि इस स्पेस स्टेशन को बनाने में कई कंट्रीज का योगदान नहीं था मगर यूएसए के साथ स्पेस कोऑपरेशन के अंडर ना कई कंट्रीज के एस्ट्रोनॉट्स हैं जिन्हें यूएसए ने इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में पहुंचाया है यह कंट्री के लिए आप कह सकते हैं काफी प्राइड की बात होती है मैं आप अगर आपको लिस्ट दिखाऊं ना आपको अजीब लगेगा कि इस सब में इंडिया इतना पीछे कैसे रह गया यहां पर आप देख सकते हैं यह है लिस्ट ऑल विजिटर्स की बाय नेशनलिटी जो इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन जा चुके हैं यूएसए के सबसे ज्यादा गए हैं 153 उसके बाद रशिया के जापान इटली जर्मनी यह सब कंट्रीज तो होंगे ही क्योंकि इंटर नेशनल स्पेस स्टेशन को बिल्ड करने में इनका क्रिटिकल रोल था मगर नीचे आप अगर देखो इजराइल आपको दिखेगा ब्राजील आपको दिखेगा मलेशिया साउथ अफ्रीका साउथ कोरिया स्पेन यूएई यूनाइटेड अरब एमिरेट्स आई मीन यह सब कंट्रीज भी हमसे इस मामले में थोड़ी सी आगे थी अब हालांकि आप यह भी कह सकते हैं हमने कभी इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में जाने को ना इतनी प्राथमिकता दी नहीं है ऐसा नहीं है कि साइंटिफिकली हम इनसे पीछे रह गए क्योंकि अगर मैं बहुत ज्यादा देसी भाषा में अगर मैं बात करूं तो इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में ना इन सब कंट्रीज के जो एस्ट्रोनॉट्स हैं इनकी घुमी होती है लिटरली कहते हैं ना घूम के आ जाओ बस घूमी हो गई बस घूम के आप गए वहां पर देख लिया जी ये इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन है ग्रेविटी नहीं होती यहां पर ये एक्सपेरिमेंट्स हो रहे हैं कुछ फोटोज ली कुछ वीडियोस ली वापस आ गए दैट्ची इट इंडिया ने और तरीके से आप कह लीजिए स्पेस में बहुत ज्यादा एक्सेल किया है बट यह आप कह लीजिए छोटा सा एक यू नो एक साइड क्वेस्ट थी बची हुई थी यह भी हम कंप्लीट कर लेंगे और मैं इस बात को लेकर वैसे काफी इंटरेस्टेड हूं कि इंडिया को जब यह भेजेंगे इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में तो जहां तक मैं देख पा रहा हूं इसरो के रॉकेट्स है यह सब नहीं किया जाएगा मोस्ट प्रोबेबली यहां पर यह लोग यूज करेंगे स्पेस एक का रॉकेट क्योंकि आज के समय यूएस के जो एस्ट्रोनॉट्स हैं इन्हें अंतरिक्ष में पहुंचाने का जो काम है यह इलन मस्क की जो कंपनी है स्पेक्स उन्होंने ही उठा रखा है तो काफी उस वक्त प्रमोशन होगा इलन मस्क भी इसके बारे में ट्वीट करेंगे मोस्ट प्रोबेबली नासा इसके बारे में काफी प्रमोशन करेगा तो ये आप कह लीजिए इंडिया यूएस फ्रेंडशिप के लिए एक बहुत ही इंपॉर्टेंट मूवमेंट होने वाली है सब के अलावा अगर हम बात करें तो इंडिया खुद का भी एक स्पेस स्टेशन 2035 तक तैयार कर लेगा ये सब जो कंट्रीज आपको दिख र हैं इनमें से बहुत ज्यादा कम देश हैं गिनती के दो-चार कंट्रीज ही आपको मिलेंगे जो खुद के स्पेस स्टेशन का सोच भी सकते हैं उस पर काम भी कर रहे हैं तो इंडिया देखिए एक मैं कहूंगा ह्यूमंस स्टेप लेगा 2035 में जब हमारा खुद का स्पेस स्टेशन मोस्ट प्रोबेबली तैयार हो जाएगा और उसके बाद ऑफकोर्स हमारा प्लान ये भी है कि 2040 तक हम खुद अपनी टेक्नोलॉजी से एक इंडियन को भेजेंगे के मून पर तो यूएसए के साथ जो हम करेंगे देखिए सुनने में काफी इंटरेस्टिंग लगता है कि एक इंडियन को ये इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में भेजेंगे मगर यह सब इन द पास्ट हम कर चुके हैं ऐसा नहीं है कि पहली बार एक इंडियन जाएगा अंतरिक्ष में आपको पता होगा राकेश शर्मा को यूएसएसआर ने भेजा था अंतरिक्ष में ही वाज द फर्स्ट इंडियन इन स्पेस तो ये सब अकॉम्प्ली मेंट हिस्टॉरिकली हम कर चुके हैं बस इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में जो डॉकिंग है यह पहली बार एक इंडियन कर रहा होगा और अगर यहां पे आप सोच रहे हैं कि नासा यह सब कर क्यों रहा है इसके पीछे इनका मतलब मेन मोटिव क्या है देखिए इंडिया के साथ वैसे ही यूएस अपने रिलेशंस बहुत ज्यादा स्ट्रांग कर रहा है उसके अलावा हमने यह भी एक बहुत ही इंपॉर्टेंट एस्पेक्ट देखा है कि इंडिया की जो स्पेस इंडस्ट्री है ना सिंस ये 4 बिलियन डॉलर्स की होने वाली है 2040 में जो इतना दूर नहीं है आप अगर लॉन्ग टर्म पर्सपेक्टिव के हिसाब से देखें शॉर्ट टर्म में ऑफकोर्स दूर लगेगा मगर 40 बिलियन डॉलर्स इज अ ह्यूमस अमाउंट तो एक बड़ी इंडस्ट्री इंडिया में बनने वाली है और इंडिया बहुत ही जल्द फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट बड़े बड़े स्केल पर यह लागू कर देगा स्पेस सेक्टर में तो यूएसए की जो बड़ी कंपनियां हैं यह इंडियन कंपनीज में स्टेक परचेज करके टाइप्स करके इंडिया में बड़ा बिजनेस कर पाएंगी तो इंडिया और यूएस स्पेस के सेक्टर में बहुत मेजर अकॉम्प्ली मेंट्स करने वाले हैं फ्यूचर में तो आप कह लीजिए उसका एक ग्राउंड वर्क अभी के लिए तैयार किया जा रहा है नाउ फाइनली अगर हम वापस है अपने एमसीक्यू की तरफ के हु वन द 2023 बुकर प्राइस तो सही उत्तर यहां पे है ऑप्शन ए पॉल लिंच इनकी किताब है प्रॉफिट सॉन्ग इसके लिए इन्हें मिला है 2023 का बुकर प्राइस याद रखिएगा वेरी इंपोर्टेंट फॉर वेरियस एग्जाम पर्सपेक्टिव और अनअकैडमी के देखिए ऑफर चल रहे हैं आज के समय यह जो ऑफर्स है इनको आप यूज कर सकते हैं टू गेट डिस्काउंट तो कमेंट सेक्शन में लिंक आपको मिल जाएंगे आप यहां पर कोर्स ओपन करके यू कैन यूज द कोड प 10 और आपको डिस्काउंट मिल जाएगा और जो सेल्स टाइम टू टाइम आती रहती है इनका भी आप लाभ उठा पाएंगे सो दिस इज द एंड ऑफ द वीडियो थैंक्स फॉर लिसनिंग एंड एज ऑलवेज मे द गॉड्स वच ओवर यू ब
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