सार्क यूनिवर्सिटी के लिए भारत को पैसे नहीं दे रहा पाकिस्तान | भारत को क्या करना चाहिए?



सार्क यूनिवर्सिटी के लिए भारत को पैसे नहीं दे रहा पाकिस्तान | भारत को क्या करना चाहिए?

सार्क यूनिवर्सिटी के लिए भारत को पैसे नहीं दे रहा पाकिस्तान | भारत को क्या करना चाहिए?

 हेलो एंड आई वेलकम ल ू वर्ल्ड अफेयर्स मैं हूं प्रशांत धवन नाउ यहां पे आप लोग बिल्कुल ठीक पढ़ रहे हैं सार्क यूनिवर्सिटी जो आपको मिलेगी नई दिल्ली में भारत में यूनिवर्सिटी है इसके लिए देखिए पाकिस्तान को पेमेंट करनी चाहिए इन लोगों ने वादा किया था मगर पाकिस्तान इसकी पेमेंट लंबे समय से नहीं कर रहा और अब सार्क यूनिवर्सिटी को रन करने में भी प्रॉब्लम आ रही है यहां पर आप देख पाओगे सार्क यूनिवर्सिटी फेसेस कैश क्रंच एज मेंबर नेशंस प्राइमर मैं कहूंगा पाकिस्तान टाइटन पर्स वो लोग अपनी तरफ से पेमेंट कर नहीं रहे नाउ यहां पे सबसे पहले आपको समझना होगा कि सार्क यूनिवर्सिटी है क्या यहां पे आप देख पाएंगे मैप यह है सार्क कंट्रीज का मैप आज से कई साल पहले 1985 में इंदिरा गांधी जी ने एक ग्रुप फॉर्म किया था जिसका नाम था सार्क साउथ एशियन एसोसिएशन फॉर रीजनल कोऑपरेशन यहां पे पाकिस्तान नेपाल भूटान बांगलादेश इंडिया श्रीलंका ये सब थे बाद में कुछ साल बाद इसमें अफगानिस्तान को भी ऐड किया गया और सार्क एक बहुत ही यूनिक आईडिया था कोशिश यहां पर यह थी कि साउथ एशिया की सारी कंट्रीज मिलके घट्ट आएंगी कोऑपरेट करेंगी ट्रेड करेंगी सार्क के अंडर इन सब कंट्रीज ने मिलकर एक फ्री ट्रेड एग्रीमेंट भी साइन किया था जी हां 2004 में सार्क देशों का एक एफटीएन हुआ था और तो और 2005 में जब डॉ मनमोहन सिंह जी देश के प्रधानमंत्री थे इन्होंने यह प्रपोज किया कि क्यों ना हम बनाएं सार्क यूनिवर्सिटी एक साउथ एशियन यूनिवर्सिटी जो होगी दिल्ली में और इस यूनिवर्सिटी में पढ़ने के लिए बांग्लादेश नेपाल श्रीलंका अफगानिस्तान पाकिस्तान वेरियस जो सार्क कंट्रीज हैं वहां के स्टूडेंट्स आ पाएंगे और बाकी सब जो कंट्रीज थी उन्होंने रेडली इस आईडिया को एक्सेप्ट कर लिया और सार्क यूनिवर्सिटी पर काम स्टार्ट हो गया इंडिया ने कहा कि इसका जो मेजॉरिटी खर्चा है हम लोग उठाएंगे इंडिया ने अपनी तरफ से 239 मिलियन डॉलर से भी ऊपर का जो अमाउंट है यह एलोकेट कर दिया इस यूनिवर्सिटी के लिए इंडिया ने यह कहा कि लगभग आप कह सकते हैं 58 पर जो अमाउंट है यह हम पे करेंगे बाकी बांग्लादेश पाकिस्तान 12 पर 8 पर के आसपास पे करेंगे अफगानिस्तान भूटान मोल्डिव ये सब लोग 3 से 4 पर के आसपास पे करेंगे अमाउंट और फिर श्रीलंका नेपाल को भी कहा गया कि आप 5 पर के आसपास पे करना और इस तरीके से फंड्स इकट्ठा होने थे इस यूनिवर्सिटी को रन करने के लिए और यहां पे आप देख पाएंगे इमेजेस इस यूनिवर्सिटी की अपने आप में काफी अच्छा कैंपस है इसका करीब 700 स्टूडेंट्स यहां पर पढ़ते हैं और 50 60 के आसपास यहां पर फैकल्टी है नाउ आप ये नहीं कह सकते कि बहुत ज्यादा बड़ी यूनिवर्सिटी है बट अपने आप में 700 स्टूडेंट्स कम नहीं होते और ये स्टूडेंट्स आए हैं फ्रॉम ऑल ओवर साउथ एशिया कोई पाकिस्तान से है कोई बांग्लादेश से कोई नेपाल श्रीलंका और इवन दो आज के समय सार्क एज ए ग्रुप प्रिटी मच डेड हो चुका है आप अगर देखें तो आखिरी बार सार्क का एक प्रॉपर जो समिट है यह हुआ था 2015 में उसके बाद 2016 में इसका समिट होना था पाकिस्तान में मगर फिर जब री टेरर अटैक हुआ इंडिया पर इंडिया ने पुल आउट कर लिया सार्क के समिट से और तब से लेकर अब तक सार्क कंट्रीज का कोई भी समिट नहीं हुआ है पाकिस्तान कहता है कि जब भी अगला समिट होगा यह पाकिस्तान में होगा इंडिया ने कहा है कि हम इससे एग्री करते नहीं हैं तो आप कह सकते हैं सार्क इस वक्त ठंडे बक्से में जा चुका है नाउ सार्क एज ए ग्रुप चाहे ठंडे बक्से में चला गया हो मगर इंडिया ने साउथ एशियन जो यूनिवर्सिटी है इसको लगातार रन किया कई स्टूडेंट्स आए पाकिस्तान से बांग्लादेश से यहां पर पड़े और स्टेट ऑफ दी आर्ट कोर्सेस इनको मिलते थे ऐसे लेक्चरर्स जो इनको अपनी कंट्री में बिल्कुल ना मिलते आई मीन अफगानिस्तान का क्या हाल है वो आपको बता ही है पाकिस्तान में भी इस लेवल की एजुकेशन उनको नहीं मिल रही थी बांग्लादेश में भी और मैथमेटिक्स में स्पेशली बहुत ज्यादा अच्छी फैकल्टी यहां पर बिल्ड हुई और कई ब्राइड स्टूडेंट्स यहां से निकलकर अपनी कंट्री में गए अपनी कंट्री में कंट्रीब्यूट करने के लिए बट पिछले कई सालों से इंडिया को प्रॉब्लम ये आ रही है कि इस यूनिवर्सिटी को रन करने के लिए जो पैसा डिसाइड किया गया था कि इतने आएंगे बांग्लादेश से इतने आएंगे पाकिस्तान से ये सब कंट्रीज अपने हिस्से का पैसा टाइम पर पे नहीं कर रही 2020 से ही आप अगर देखो तो ये वाले जो आर्टिकल है पब्लिश हो रहे थे कि पाकिस्तान अदर कंट्रीज डिले पेइंग ड्यूज फॉर और साउथ एशियन यूनिवर्सिटी नाउ इंटरेस्टिंग बात यहां पर यह है कि जब यह यूनिवर्सिटी बनके तैयार हो गई थी मतलब आप कह लो 2010 से लेकर 2018 तक तो ना ज्यादा प्रॉब्लम नहीं आई जो भी ड्यूस थे चाहे लेट आते थे इवेंचर आ रहे थे पाकिस्तान के थोड़े बहुत ड्यूज तब भी कमाते रहे मगर बांग्लादेश नेपाल श्रीलंका वगैरह वो सब अपने पैसे पे कर रहे थे पाकिस्तान ने क्या किया कि 2019 से इस यूनिवर्सिटी के लिए जो पेमेंट करनी थी यह अपनी तरफ से रोक दी नाउ पाकिस्तान का एग्जांपल दे कर बांग्लादेश की सरकार ने कहा कि हम भी पे नहीं करते नेपाल ने कहा हम भी पे नहीं करते बाकी जो आसपास के देश हैं वह भी अपना पैसा रोक कर बैठ गए इवन दो पाकिस्तान की पेमेंट रुकने का जो मेन रीजन आप कह सकते हैं यही हो सकता है कि इंडिया ने आर्टिकल 370 हटा दिया था कश्मीर से 2019 में तो तब से पाकिस्तान इंडिया का जो ट्रेड है फॉर्मल ट्रेड वो भी बैंड है तो पाकिस्तान ने देखिए इंडिया को पेमेंट करना बिल्कुल बंद कर दिया और अब प्रॉब्लम यह है कि इस यूनिवर्सिटी में ना कैश क्रं चल रहा है मतलब के सैलरीज भी हम पे नहीं कर पा रहे नाउ अब यहां पे आप कह सकते हैं वेट इंडिया के पास इतना पैसा है हम पे कर देते हैं देखो एक आप सिस्टम बनाते हो आप डिसाइड करते हो कि पैसा आएगा पाकिस्तान से बांग्लादेश से और कंट्री से तो आप उसी के हिसाब से अलॉट करते हो खर्चा अब जब उधर से पैसा नहीं आएगा ना तो सरकार तो देखिए रूल्स के हिसाब से चलती है ऐसा नहीं है कि अचानक से जेब से पैसे निकाल के आपने दे दिए प्रॉपर बजट होता है डिसाइड किया जाता है कि इतना पैसा हमारे यहां से आएगा इतना पैसा वहां से आएगा तो आज के समय देखिए सार्क यूनिवर्सिटी जो है इसके फ्यूचर को लेकर एक बहुत ही बड़ा डाउट हो गया है क्योंकि बाकी जो साउथ एशियन कंट्रीज हैं अगर वो यहां पर पार्टिसिपेट नहीं करेंगे क्योंकि स्टूडेंट्स जो हैं उनके वो पार्टिसिपेट करना चाहते हैं ओबवियसली इंडिया वो लोग आना चाहेंगे वीजा के लिए वो लोग अप्लाई करते हैं पाकिस्तान के जो स्टूडेंट्स हैं उनको वीजा के लिए थोड़ा एक्स्ट्रा वेट करना पड़ता है बट इवेंचर को वीजा मिल ही जाता है वो इंडिया में पढ़ने के लिए आते हैं बट क्वेश्चन यही है कि इस यूनिवर्सिटी को हम कितने लंबे समय तक सिर्फ इंडिया के फंड से ही चलाते रहेंगे और अगर इंडिया के फंड से इसको चलाना है तो क्या हमें पाकिस्तान बांग्लादेश और कंट्रीज के जो स्टूडेंट्स हैं इनको यहां पर रखना चाहिए या फिर इसको कंप्लीट एक इंडियन यूनिवर्सिटी बना देना चाहिए तो ये क्वेश्चन हमारे सामने है तो यहां पे मैं जानना चाहूंगा आपका ओपिनियन अभी जो स्थिति है इंडिया पाकिस्तान रिलेशंस की जो सार्क की आज के समय स्थिति है यह सब देखकर आपके हिसाब से हमें क्या करना चाहिए क्या आप मानते हैं कि इंडिया को लगातार इस यूनिवर्सिटी को फंड करना चाहिए एज ए सार्क यूनिवर्सिटी या फिर इवेंचर रोड इसे हम एक कंप्लीट इंडियन यूनिवर्सिटी भी बना सकते हैं लिखिए इसके बारे में कमेंट सेक्शन में मैं जानना चाहूंगा आपका ओपिनियन और अन एडमी के देखिए ऑफर चल रहे हैं आज के समय यह जो ऑफर्स है इनको आप यूज कर सकते हैं टू गेट डिस्काउंट तो कमेंट सेक्शन में लिंक आपको मिल जाएंगे आप यहां पर कोर्स ओपन करके यू कैन यूज द कोड पी 10 और आपको डिस्काउंट मिल जाएगा और जो सेल्स टाइम टू टाइम आती रहती है इनका भी आप लाभ उठा पाएंगे सो दिस इज द एंड ऑफ द वीडियो थैंक्स फॉर लिसनिंग एंड एज ऑलवेज मे द गॉड्स वच ओवर यू i

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