Maldives Claims India has agreed to Remove Military | क्‍या मालदीव से वाकई लौटेंगे भारतीय सैनिक?

Maldives Claims India has agreed to Remove Military | क्‍या मालदीव से वाकई लौटेंगे भारतीय सैनिक?

 Maldives Claims India has agreed to Remove Military | क्‍या मालदीव से वाकई लौटेंगे भारतीय सैनिक?

नमस्कार ए वेलकम ल टू वर्ल्ड अफेयर्स मैं हूं प्रशांत धवन नाउ यहां पे आप लोग बिल्कुल ठीक पढ़ रहे हैं मलडी व्स ने रिसेंटली ये क्लेम कर दिया है कि हां भारत बिल्कुल मान चुका है और भारतीय सेना जल्दी से मॉल्व से हटा दी जाएगी यह मेजर स्टेटमेंट है फ्रॉम मलडी व्स यहां पे आप देख पाएंगे मलडी व्स के प्रेसिडेंट अपने लोगों को अपनी सरकार के ऑफिशल्स को हर जगह यह बताते फिर रहे हैं कि इंडिया मान गया इंडिया एग्रीड टू विड्रॉ सोल्जर्स फ्रॉम द कंट्री द कंट्री ऑफकोर्स यहां पे मल्स की बात कर रहे हैं क्योंकि आपको याद होगा जब से मलडी व्स में बने हैं नए प्रेसिडेंट प्रेसिडेंट मोहम्मद मुजू इनका सिंगल एक एजेंडा यह है कि इंडियन मिलिट्री को मल्टीवन कालना है और चीजों पर यह इतना फोकस नहीं कर रहे कि इंफ्लेशन को कैसे कंट्रोल करेंगे एक्सपोर्ट कैसे बढ़ाएंगे सिंगल इनका एजेंडा है कि इंडियन मिलिट्री को निकालना है और उसके अलावा इन्होंने रिसेंटली काफी सारे और स्टेप्स भी लिए हैं जिससे क्लियर पता लगता है कि ये इंडिया के साथ रिलेशंस खराब करना चाहते हैं मोल्डिव के जिस तरीके से आपको याद होगा कुछ साल पहले अब्दुल्ला यमन करके एक लीडर आए थे इनके उसने भी सेम एक अटेंप्ट किया था ऑलमोस्ट सेम चीज हम देख रहे हैं प्रेसिडेंट मुजू करने की कोशिश कर रहे हैं नाउ सबसे अजीब मुझे बात यहां पर यह लगी कि प्रेसिडेंट मजू जो है मोल्डिव के इनकी रिसेंटली मीटिंग हुई इंडियन पीएम नरेंद्र मोदी जी से दुबई के एक समिट में मैं यहां पे कॉप 28 की बात कर रहा हूं 

Maldives Claims India has agreed to Remove Military | क्या मालदीव से वाकई लौटेंगे भारतीय सैनिक?

और इस समिट की मीटिंग के बाद ना मॉल्व के प्रेसिडेंट ने यह क्लेम करना स्टार्ट कर दिया कि हां जी मीटिंग के बाद अब यह बात कंफर्म हो गई है कि इंडिया अपने सोल्ज निकाल रहा है मलडी व से इवन दो आप अगर इन आर्टिकल्स को और एक्सटेंसिवली पढ़ोगे ना तो यहां पर एक बात लिखी हुई है कि जब भारतीय मीडिया के जर्नलिस्ट ने इंडियन गवर्नमेंट ऑफिशियल से पूछने की कोशिश करी कि क्या सच में ऐसा हो रहा है क्या हम मान गए तो उनका जवाब ये आया है कि इसको लेकर अभी कुछ फाइनल अप्रूवल कहीं से मिला नहीं है कुछ फाइनल डिस्कशन हुआ नहीं है जो भी है अभी भी बातचीत की स्टेज पे है बट इंडियन गवर्नमेंट ने ऑफिशियल अभी तक यह नहीं कहा कि मलडी व्स के प्रेसिडेंट झूठ बोल रहे हैं ये गलत बात अपने लोगों को बता रहे हैं नाउ मोल्डिव के बारे में फर्द डिस्कशन करने से पहले थोड़ा सा मोल्डिव के बारे में जान लेते हैं यहां पे आप देख पाएंगे यह है शका मैप और यह है हमारा प्यारा भारत और इंडिया के साउथ में आपको दिखेगा मलडी नाउ मलडी व्स एक जिओ पॉलिटिकल सरदर्द है ना सिर्फ इंडिया के लिए बल्कि यूएसए के लिए भी सरदर्द इसलिए कहूंगा क्योंकि हर कुछ सालों में ना यहां पर एक ऐसी गवर्नमेंट आ जाती है जो बहुत ज्यादा प्रो चाइना होती है या फिर बहुत ज्यादा एंटी इंडिया होती है इस पर्टिकुलर केस में भी हमको ऐसा ही दिख रहा है अब यहां पे आप पूछेंगे अच्छा इंडिया का तो समझ में आता है क्योंकि अगर इंडियन मिलिट्री को निकाल दिया जाएगा मलडी से कल को मान लो मलडी व्स एक मिलिट्री बेस दे देता है चाइना को ये हमारे लिए खराब है दिस विल बी डिजास्टर्स फॉर इंडिया देयर इज नो डाउट अबाउट दैट यूएसए के लिए ये खराब क्यों है यूएसए के लिए खराब इसलिए है क्योंकि यूएसए का भी मॉल्व के बहुत ज्यादा करीब एक मिलिट्री बेस है जिसका नाम है डिएगो गार्सिया वहां पर यूएस लिटरली अपने न्यूक्लियर वेपंस रखता है तो आप समझ सकते हैं जो ये रिपोर्ट सामने आ रही है ना कि मल्लीवैकल को बिल्कुल निकाल दिया जाएगा मलडी व से यह एक मेजर सिक्योरिटी कंसर्न है हम इसको लाइटली बिल्कुल नहीं ले सकते और अगर यहां पे आप सोच रहे हैं कि मलडी व्स इस सब को लेकर इतना हेल बैंड क्यों है आई मीन इंडियन नेवी के कितने पर्सनल इंडियन मिलिट्री के कितने पर्सनल हैं मलडी व्स में टोटल 75 के आसपास हैं और यह जदाता इंडिया के जो यहां पे एसेट्स हैं एयरक्राफ्ट हेलीकॉप्टर्स इनको मैनेज करने के लिए हैं कुछ ऐसा नहीं है कि इंडियन मिलिट्री डिप्लॉयड है मोल्डिव में जो यू नो मोल्डिव को कंट्रोल कर रही है या फिर मोल्डिव की मिलिट्री संभाल नहीं पा रही उसको ऐसा कुछ भी नहीं है बट यहां पे जो मेन इशू है ना यह एक जिओ पॉलिटिकल मैसेज भेजने का है और मोल्डी व्स के प्रेसिडेंट ने रिसेंटली इंडिया को एक और जिओ पॉलिटिकल मैसेज भेजा था टर्की को इंडिया से ज्यादा प्रायोरिटी देकर नाउ हिस्टॉरिकली हमने यह देखा है कि मोल्डिव में जब भी एक नया प्रेसिडेंट आता है उनकी पहली फॉरेन विजिट होती है टू इंडिया ये एक नॉर्म है कई सालों से चलता आ रहा था इसका रीजन बहुत ही सिंपल है देखिए जब एक कंट्री का नया पीएम बनता है वह यूजुअली उन कंट्रीज को विजिट करता है जो उनके लिए बहुत ही ज्यादा इंपॉर्टेंट है इन टर्म्स ऑफ ट्रेड इन टर्म्स ऑफ इन्वेस्टमेंट अदर एस्पेक्ट नाउ मालदीव्स के लिए ना टर्की आप अगर देखो तो इतना इंपॉर्टेंट कंट्री बिल्कुल नहीं है टर्की ज्योग्राफिकली मलडी व से बिल्कुल दूर है आई मीन टर्की का कोई डायरेक्ट कांटेक्ट भी नहीं है टू द इंडियन ओशन ट्रेड के हिसाब से भी दोनों कंट्रीज सामने कुछ है नहीं बट फॉर सम ऑ रीजन मलडी व्स के प्रेसिडेंट ने यह चूज किया कि यह पहली विजिट अपनी इंडिया में नहीं करेंगे यह जाएंगे सीधा टर्की में और यह एक बहुत ही इंपॉर्टेंट जिओ पॉलिटिकल मैसेज है यह मैसेज क्लियर यह कहता है कि अभी जो मलडी व्स की सरकार है इन्हें इकोनॉमिक डेवलपमेंट ट्रेड इसकी बिल्कुल परवाह नहीं है यह क्लियर एक लार्जर एंटी इंडिया जिओ पॉलिटिकल गेम में पार्टिसिपेट करना चाहते हैं अब यहां पे आप में से कुछ लोग एक सवाल यह पूछ सकते हैं जो लंबे समय से इस पूरे इवेंट को फॉलो कर रहे हैं जिओ पॉलिटिक्स में उनका काफी इंटरेस्ट है एक सवाल आपका ये आ सकता है कि 2018 2019 के आसपास इंडिया ने जो बिलियंस ऑफ डॉलर्स की एड अनाउंस करी थी मलडी व्स के लिए 1.4 बिलियन डॉलर्स की इस सब का क्या हुआ जो हमने इतना सारा पैसा मॉल्व को दिया है फॉर डेवलपमेंट अदर पर्पसस उस सबका क्या होगा क्या मॉल्व सब कुछ भूल गया है वेल अ इंडिया की अभी भी स्ट्रेटेजी ये है चाहे मलडी के प्रेसिडेंट जो भी कहे हम मलडी की जो जनता है मलडी की यू नो ओवरऑल जो कम्युनिटी है उनके साथ अच्छे रिलेशंस मेंटेन करेंगे और मोदी जी ने तो यह भी कहा है कि मोल्डी और इंडिया एक कोर ग्रुप फॉर्म करेंगे जिससे हम यह बात एक्सप्लोर कर सके कि इंडिया मोल्डिव के रिलेशंस हम और स्ट्रांग कैसे कर सकते हैं क्योंकि ट्रेड की वजह से अगर मैं बात करूं ना तो एक बात हमें एक्सेप्ट करनी पड़ेगी कि इंडिया मोल्डिव का ना सबसे बड़ा एक्सपोर्ट पार्टनर है ना सबसे बड़ा इंपोर्ट पार्टनर है इंडिया मलडी को एक बड़ा ट्रेड एग्रीमेंट चाहिए ताकि दोनों कंट्रीज का जो ट्रेड हैय यह लगातार बढ़ता रहे और इकोनॉमिकली मलडी और ज्यादा डिपेंडेंट हो ऑन इंडिया नाउ इस सब का सलूशन हम क्या निकाल सकते हैं मेरे हिसाब से देखिए एक बहुत ही सिंपल सलूशन ये होगा कि जिस तरीके से चाइना ने एक फ्री ट्रेड एग्रीमेंट साइन कर रखा है मल्टस के साथ इट इज टाइम के इंडिया भी इस टाइप का एक ऑफर दे मॉल्व को अगेन मोल्डिव की आबादी बहुत कम है अ 5 लाख के आसपास की आबादी है ऐसा नहीं है कि इनके एक्सपोर्ट्स ऐसे हैं कि इंडिया की मार्केट को बहुत ज्यादा डिस्टर्ब कर देंगे तो इंडिया बिल्कुल यह बात एक्सप्लोर कर सकता है एक फ्री ट्रेड एग्रीमेंट विद मलडी व्स कैन रियली हेल्प इंडिया इंप्रूव टाइज विद दिस कंट्री और इससे ना यह हर पा सालों में जो यहां पे एक झटका आता है कि नई सरकार आ गई उनकी नई पॉलिसी होती है उससे इंडिया को काफी टेंशन हो जाती है यह वाला जो फैक्टर है यह हम काफी हद तक कम कर सकते हैं और फॉर दर टाइमिंग देखिए मैं इस टॉपिक को क्लोजी फॉलो कर रहा हूं मुझे देखना है कि इंडियन गवर्नमेंट ऑफिशियल मलडी व्स के इस क्लेम के बारे में क्या कहती है इट विल बी वेरी इंटरेस्टिंग टू सी कुछ मेजर डेवलपमेंट्स आती है तो बाद में मैं आपके लिए एक अपडेटेड वीडियो ले आऊंगा नाउ फान फाइनली मैं आपसे पूछूंगा एक क्वेश्चन क्वेश्चन यहां पर यह है कि कॉप 28 कॉप 28 की फुल फॉर्म क्या है ये है यहां पे आपकी ऑप्शंस क्लाइमेट ऑब्जर्वेशंस प्रोग्राम 28 कॉन्फ्रेंस ऑफ पार्टीज 28 कॉन्फ्रेंस ऑन पेरिस 28 या फिर कन्वेंशन फॉर पैरामिलिट्री फोर्सेस 28 रिसेंटली कॉप 28 की जो मीटिंग हुई थी उसमें पीएम मोदी भी गए थे उसी दौरान मलडी के प्रेसिडेंट ने कहा है के इंडिया के साथ हमारी बातचीत हो गई थी तो बताइए कॉप 28 की फुल फॉर्म क्या है कमेंट सेक्शन में करिए उत्तर जो लोग सही आंसर करेंगे कोशिश करूंगा कि उनकी कमेंट को मैं हार दे दूं औरन अकैडमी के प्लेटफार्म पर मेरी कुछ एक्स्ट्रा क्लासेस भी है आप देखना चाहे देख सकते हैं यहां पर पीज 10 कोड यूज करके जो क्लासेस है यह आप देख सकते हैं कई टॉपिक्स होते हैं जिन पर मैं चैनल पर वीडियो नहीं बना पाता तो वो यहां पे आपको मिल जाया करेगा सो एंजॉय दिस क्लासेस थैंक यू थैंक्स फॉर लिसनिंग एंड एज ऑलवेज मे द गॉड्स वच ओ हम

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